सुमेरपुर में चिकित्सा स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग द्वारा 5 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले आयुष्मान आरोग्य मंदिर और विभिन्न उप स्वास्थ्य केंद्रों का सामूहिक शिलान्यास कार्यक्रम सम्पन्न हुआ। इस अवसर पर टाउन हॉल सभागार में आयोजित समारोह में भामाशाहों और राष्ट्रीय गुणवत्ता प्रमाणीकरण कार्यक्रम में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले चिकित्सा कर्मियों को सम्मानित किया गया।
समारोह की मुख्य बातें:
आयुष्मान आरोग्य मंदिर का
शिलान्यास
चिकित्सा स्वास्थ्य विभाग ने जाखोड़ा, अनुपपुरा, बड़गांवड़ा, पिचावा, गोगरा, बलाना, केरला, पादरला और कानडरा में उप-स्वास्थ्य केंद्रों के निर्माण के लिए शिलान्यास किया। इन केंद्रों का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में आधुनिक और सुलभ स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार करना है।
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स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ:
इन केंद्रों से गर्भवती महिलाओं, बच्चों
और बुजुर्गों के लिए विशेष देखभाल कार्यक्रम संचालित किए जाएंगे। टीकाकरण, प्रसव सेवाएं, और नॉन-कम्युनिकेबल बीमारियों (बीपी,
शुगर, हाइपरटेंशन) का उपचार उपलब्ध होगा।
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ग्रामीण स्वास्थ्य सुधार की दिशा में
कदम:
कैबिनेट मंत्री जोराराम कुमावत ने कहा कि आयुष्मान भारत योजना
के तहत शुरू किए गए ये केंद्र ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाओं में क्रांतिकारी परिवर्तन
लाएंगे।
सम्मान समारोह
राष्ट्रीय गुणवत्ता प्रमाणीकरण कार्यक्रम के तहत उत्कृष्ट कार्य करने वाले चिकित्सा कर्मियों को सम्मानित किया गया।
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भामाशाहों का सम्मान:
भामाशाह तखत सिंह राठौड़ और अन्य दानदाताओं को सम्मानित किया
गया। तखत सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि "मानव सेवा ही सच्ची सेवा है।"
उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं में सहयोग के लिए सभी से अपील
की।
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कर्मचारियों की सराहना:
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. विकास मारवाल ने
कार्यक्रम में स्वास्थ्य कर्मियों के योगदान की सराहना की और कहा कि ये कर्मी समाज
में सकारात्मक बदलाव लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।
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कैबिनेट मंत्री जोराराम कुमावत:
उन्होंने स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार को "नर सेवा नारायण
सेवा" की दिशा में एक बड़ा कदम बताया। उन्होंने कहा कि उप-स्वास्थ्य केंद्रों
के माध्यम से गांवों में चिकित्सा सुविधाएं आसानी से उपलब्ध होंगी।
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एसडीएम कालूराम कुम्हार:
उन्होंने इस परियोजना को सुमेरपुर की जनता के लिए एक ऐतिहासिक
पहल बताया और कहा कि इन केंद्रों से लोगों को समय पर बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं
मिलेंगी।
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मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. गोविंद सिंह
चुंडावत:
उन्होंने राष्ट्रीय गुणवत्ता प्रमाणीकरण कार्यक्रम में बांकली,
खिवादी और अन्य स्वास्थ्य केंद्रों की उपलब्धियों का उल्लेख
करते हुए इन केंद्रों को प्रमाणित कराने में स्वास्थ्य कर्मियों और भामाशाहों के
योगदान की सराहना की।
कार्यक्रम में उपस्थित गणमान्य
इस ऐतिहासिक आयोजन में कई प्रतिष्ठित लोग और अधिकारी शामिल हुए, जिनमें:
- महिला एवं बाल विकास विभाग: उपनिदेशक राजेश कुमार, जिला कार्यक्रम अधिकारी भवानी सिंह।
- स्थानीय पंचायत प्रतिनिधि: गजेंद्र सिंह (प्रधान प्रतिनिधि), शिवराज सिंह बिटिया, रमेश राखेचा, अनूप सिंह राठौड़।
- चिकित्सा अधिकारी: डॉक्टर महिपाल सिंह, डॉक्टर ताराचंद, डॉक्टर धनराज।
- भामाशाह: घनश्याम पुरोहित, तखत सिंह राठौड़।
- अन्य अधिकारी: ब्लॉक कार्यक्रम अधिकारी प्रमोद कुमार गिरी, ब्लॉक चिकित्सा अधिकारी डॉ. गोविंद सिंह चुंडावत।
चिकित्सा सेवाओं का महत्व
आयुष्मान आरोग्य मंदिर और उप-स्वास्थ्य केंद्रों के माध्यम से कई प्रकार की सेवाएं उपलब्ध कराई जाएंगी, जिनमें:
टीकाकरण अभियान: बच्चों को विभिन्न बीमारियों से बचाने के लिए राष्ट्रीय टीकाकरण कार्यक्रम।
प्रसव सेवाएं: गर्भवती महिलाओं के लिए सुरक्षित प्रसव और देखभाल।
गंभीर बीमारियों का इलाज: नॉन-कम्युनिकेबल बीमारियां जैसे बीपी, शुगर और हाइपरटेंशन का इलाज।
परामर्श सेवाएं: बुजुर्गों और बच्चों के लिए विशेष परामर्श।
निष्कर्ष
इस समारोह ने सुमेरपुर और आसपास के गांवों के लिए स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में एक नई शुरुआत की है। आयुष्मान आरोग्य मंदिर और उप-स्वास्थ्य केंद्रों के माध्यम से ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य सुविधाओं की बेहतर पहुंच सुनिश्चित होगी। यह पहल न केवल लोगों को स्वस्थ जीवन जीने में मदद करेगी, बल्कि समाज में स्वास्थ्य और कल्याण के प्रति जागरूकता भी बढ़ाएगी।