सुमेरपुर में महात्मा गांधी नरेगा योजना के अंतर्गत पंचायतों और कार्यालयों में कार्यरत संविदा कर्मियों ने नियमितीकरण की मांग को लेकर ज्ञापन सौंपा। पंचायत समिति के इन कर्मियों ने मुख्यमंत्री के नाम यह ज्ञापन कैबिनेट मंत्री जोराराम कुमावत को दिया।
ज्ञापन में बताया गया कि ग्रामीण विकास विभाग ने 7 फरवरी 2024 को नियमितीकरण के लिए प्रशासनिक स्वीकृति जारी की थी, और 8 मई 2024 को दस्तावेज़ सत्यापन के आदेश दिए गए थे। इसके बावजूद, लगभग 7 महीने बीतने के बाद भी योग्य कर्मियों की सूची तैयार नहीं हो पाई है। वित्त विभाग ने 9 साल से अधिक अनुभव वाले कर्मियों को नियमित करने के लिए दिशा-निर्देश और कैलेंडर जारी किया था, लेकिन उसकी पालना अब तक नहीं हुई है।
संविदा कर्मियों ने सरकार पर आरोप लगाया कि वे 9 साल से पंचायत समिति और विभिन्न कार्यालयों में महत्त्वपूर्ण सेवाएं प्रदान कर रहे हैं। उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों में 100 दिनों के रोजगार के लक्ष्य को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इसके बावजूद, उनकी नियमितीकरण की मांग पर राज्य सरकार ने अब तक ध्यान नहीं दिया है।
संविदा कर्मियों का कहना है कि उन्होंने कई बार धरना, आंदोलन और ज्ञापन के माध्यम से अपनी समस्या सरकार के सामने रखी, लेकिन उनकी मांगों को अनदेखा किया जा रहा है। अब वे जल्द से जल्द नियमित नियुक्ति की उम्मीद कर रहे हैं।