सुमेरपुर। श्रद्धा, भक्ति और उत्साह का संगम बने जुझार धणी बावसी के वार्षिक मेले का आयोजन मंगलवार को धूमधाम से किया गया। मेले की शुरुआत सुबह 8 बजे ध्वजारोहण यात्रा के साथ हुई, जो पूनमसिंह हमीरसिंह के कृषि फार्म से ढोल-नगाड़ों के साथ रवाना हुई। भक्तों का हुजूम इस यात्रा में शामिल होकर मंदिर परिसर तक पहुंचा। सुबह 9 बजे विधि-विधान के साथ मंदिर शिखर पर ध्वजारोहण कर मेले की विधिवत शुरुआत की गई। इसके बाद मंदिर में महाआरती का आयोजन हुआ, जिसमें श्रद्धालुओं ने पूरे भक्ति भाव से भाग लिया।
श्रद्धालुओं की उमड़ी भीड़, दर्शन व प्रसादी का आयोजन
दिनभर मंदिर परिसर में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी। श्रद्धालुओं ने जुझार धणी के दरबार में मत्था टेककर परिवार की सुख-समृद्धि और क्षेत्र की खुशहाली की कामना की। मंदिर प्रांगण में सुबह से ही भक्तों का आना-जाना लगा रहा। हर साल की तरह इस बार भी दोपहर और शाम को प्रसादी का आयोजन किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया।
अतिथियों का सम्मान, मेले में भजन संध्या का आयोजन
मेले के अवसर पर कई गणमान्य अतिथि भी पहुंचे, जिनमें कैबिनेट मंत्री जोराराम कुमावत, भाजपा नेता और पार्षद पूनमसिंह परमार सहित कई अन्य विशिष्ट लोग शामिल थे। जुझार धणी बावसी संस्था के पदाधिकारियों ने अतिथियों का माला और साफा पहनाकर सम्मान किया।
रात को आयोजित भजन संध्या में प्रसिद्ध कलाकार जोताराम एंड पार्टी जॉयला ने भजनों की शानदार प्रस्तुतियां दीं। भजन संध्या की शुरुआत गणपति वंदना और गुरु वंदना से हुई, जिसके बाद भक्तिभाव से ओत-प्रोत भजनों के माध्यम से जुझार धणी की महिमा का गुणगान किया गया।
मेले की व्यवस्थाओं में सक्रिय भूमिका
मेले की समुचित व्यवस्थाओं में जितेन्द्रसिंह परमार, पूनमसिंह परमार, सोहनसिंह, भंवरसिंह के, विजयसिंह, पूनमसिंह आर, हनवंतसिंह, लक्ष्मणसिंह, बलवंतसिंह, भंवरसिंह बी, मोतीसिंह, किशोरसिंह, भूपेन्द्रसिंह, जब्बरसिंह, करतारसिंह, जोगसिंह, रणजीतसिंह, गोविंदसिंह, पदमसिंह, विक्रमसिंह, शैतानसिंह और जोधावरसिंह का विशेष योगदान रहा।
श्रद्धा और भक्ति से ओत-प्रोत इस मेले ने समूचे क्षेत्र में धार्मिक वातावरण का संचार किया और भक्तों ने पूरे जोश और उत्साह के साथ मेले का आनंद लिया।