पाली । होली के त्योहारी सीजन को देखते हुए खाद्य विभाग द्वारा मिलावटखोरों के खिलाफ सख्त अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान के तहत पाली जिले में खाद्य सुरक्षा विभाग ने 4567 लीटर तेल और घी को मिलावट और नकली होने के संदेह में सीज किया है। इस संबंध में खाद्य सुरक्षा अधिकारियों ने सैंपल लेकर उन्हें जांच के लिए प्रयोगशाला में भिजवाया है। जांच रिपोर्ट आने के बाद दोषियों के खिलाफ भारतीय खाद्य मानक अधिनियम 2006 और विनियम 2011 के तहत कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
प्रदेशभर में शुद्ध आहार मिलावट पर वार
अभियान
प्रदेशभर में खाद्य सुरक्षा को लेकर
सख्ती बरतते हुए आयुक्त खाद्य सुरक्षा एवं औषधि नियंत्रण
एच. गुईटे के
निर्देश पर मिलावटखोरों के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है। इसी क्रम में पाली
जिले में
भी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. विकास मारवाल के नेतृत्व में खाद्य सुरक्षा
अधिकारियों को विशेष रूप से सतर्क रहने और नियमित निरीक्षण करने के निर्देश दिए गए
थे।
खाद्य सुरक्षा अधिकारी सुरेशचंद ने बताया कि त्योहार के समय मिलावट की
संभावना अधिक रहती है, इसलिए विशेष सतर्कता बरती जा रही है।
आमजन के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करने वाले खाद्य कारोबारियों पर सख्त कार्रवाई
की जा रही है।
पाली जिले में सीज किए गए उत्पाद
खाद्य सुरक्षा टीम ने पाली जिले के
विभिन्न क्षेत्रों में छापेमारी कर निम्नलिखित खाद्य पदार्थ सीज किए:
- सुमेरपुर – भगवती
ब्रांड का घी
- सोजत सिटी – चेतक
ब्रांड का मूंगफली तेल
- पाली – सोया
कार्तिक बहार तेल
- अन्य ब्रांड के घी और तेल के भी सैंपल लिए
गए
इन सभी उत्पादों के सैंपल जांच के लिए जोधपुर जन स्वास्थ्य खाद्य प्रयोगशाला में भेजे गए हैं। रिपोर्ट आने के बाद मिलावट की पुष्टि होने पर दोषियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
एक माह में लिए गए 50 से अधिक सैंपल
खाद्य सुरक्षा अधिकारी सुरेशचंद ने बताया कि जिले में मिलावटखोरों पर शिकंजा कसने के लिए पिछले एक माह में 50 से अधिक सैंपल जांच के लिए लिए गए हैं। ये सभी सैंपल मुख्य खाद्य विश्लेषक, राज्य केंद्रीय जन स्वास्थ्य प्रयोगशाला, जयपुर भेजे गए हैं। जांच रिपोर्ट आने के बाद भारतीय खाद्य मानक अधिनियम के तहत संबंधित फर्मों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
तीन बार से अधिक फेल होने पर लाइसेंस
होंगे निरस्त
खाद्य सुरक्षा अधिकारी ने बताया कि यदि
किसी फर्म के तीन बार से अधिक सैंपल फेल होते हैं तो उनके खिलाफ धारा 64 के
तहत कार्रवाई करते हुए लाइसेंस निरस्त कर दिए जाएंगे। विभाग ने पहले ही ऐसे
फर्मों की पहचान कर ली है।
खाद्य सुरक्षा टीम ने जानकारी दी कि होली के समय मिलावट की संभावना अधिक होती है। विशेष रूप से दूध, मिठाई, पनीर, नमकीन, मसाले, तेल, घी और बेकरी उत्पादों में मिलावट की संभावना अधिक रहती है। इसे रोकने के लिए विभाग द्वारा नियमित निरीक्षण किए जा रहे हैं।
बिना फूड लाइसेंस चल रही दुकानों पर भी
होगी कार्रवाई
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.
विकास मारवाल ने
बताया कि राज्य सरकार द्वारा प्रत्येक तहसील मुख्यालय पर खाद्य लाइसेंस शिविरों का आयोजन किया जा रहा है। इसके बावजूद
यदि कोई खाद्य कारोबारी बिना लाइसेंस के काम करता पाया गया तो उसके खिलाफ भारतीय
खाद्य मानक अधिनियम 2006 एवं विनियम 2011 के
तहत कार्रवाई की जाएगी।
खाद्य सुरक्षा अधिकारी ने आमजन से अपील की है कि वे बाजार से खाद्य पदार्थ खरीदते समय गुणवत्ता की जांच करें। यदि किसी खाद्य उत्पाद के नकली या मिलावटी होने का संदेह हो तो तुरंत खाद्य सुरक्षा हेल्पलाइन पर शिकायत दर्ज कराएं।
खाद्य विभाग की इस कार्रवाई से जिले में मिलावटखोरों में हड़कंप मच गया है। विभाग ने चेतावनी दी है कि त्योहारी सीजन में मिलावट करने वालों के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई की जाएगी।