सुमेरपुर। नगर सहित आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में शुक्रवार को शीतला सप्तमी पर्व पारंपरिक रीति-रिवाजों के साथ हर्षोल्लास, श्रद्धा एवं आस्था के साथ धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर नगर के शीतला माता मंदिरों में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी।
फोटो सहयोग : दीपक परमार |
सुबह से मंदिरों में लगी श्रद्धालुओं की भीड़
शीतला सप्तमी के निर्धारित मुहूर्त के अनुरूप महिलाएं भोर में ही साज-श्रृंगार कर शीतला माता के मंदिरों की ओर रवाना हो गईं। नगर के शीतला चौक स्थित शीतला माता मंदिर, आर्य समाज शीतला माता मंदिर और पुराना पाली बस स्टैंड स्थित शीतला माता मंदिर में महिलाओं ने मंगल गीत गाते हुए विधि-विधान से पूजा-अर्चना की। पूजा के पश्चात महिलाओं ने बासोड़े (ठंडे भोजन) का भोग माता को अर्पित किया और परिवार की सुख-समृद्धि और निरोगता की कामना की। पूजा के उपरांत महिलाओं ने सामूहिक रूप से कथा श्रवण किया और बुजुर्गों से आशीर्वाद प्राप्त किया।
लंबी कतारों में लगे श्रद्धालु, बाजार रहा बंद
पूजा-अर्चना के लिए मंदिरों में महिलाओं को घंटों कतार में खड़े रहकर अपनी बारी का इंतजार करना पड़ा। इस दौरान व्यवस्थापक समिति के सदस्यों ने मंदिरों में पूजा-अर्चना की समुचित व्यवस्थाएं सुनिश्चित कीं। पर्व के चलते नगर का अधिकांश बाजार बंद रहा, जिससे धार्मिक वातावरण का उल्लास और भी अधिक बढ़ गया।
गेर नृत्य में उमड़ा जनसैलाब
शाम के समय नगर के शीतला चौक में आयोजित गैर नृत्य कार्यक्रम में श्रद्धालुओं का भारी जनसैलाब उमड़ पड़ा। छत्तीसी कौम के लोगों ने पारंपरिक वेशभूषा धारण कर, पैरों में घुंघरू बांधकर उत्साहपूर्वक गेर नृत्य किया। गैर नृत्य करते हुए कलाकारों का जोश देखने लायक था। आसपास के क्षेत्रों से भी बड़ी संख्या में लोग गेर नृत्य देखने पहुंचे। इस दौरान बजरंग मित्र मंडल और अग्रवाल समाज की ओर से श्रद्धालुओं को ठंडे शरबत का वितरण किया गया।
घर-घर में बना बासोड़े का प्रसाद
शीतला सप्तमी पर्व की पूर्व संध्या पर गुरुवार को ही महिलाओं ने विभिन्न प्रकार के व्यंजन जैसे दही, रबड़ी, चावल, हलवा, पूड़ी आदि तैयार किए, जिन्हें अगले दिन माता को भोग स्वरूप अर्पित किया गया। मान्यता है कि शीतला माता की पूजा करने और इस दिन ठंडा भोजन ग्रहण करने से चेचक जैसे संक्रामक रोगों से बचाव होता है और परिवार स्वास्थ्य लाभ प्राप्त करता है। इसी परंपरा के अनुसार नगरवासियों ने इस दिन घरों में चूल्हा नहीं जलाया और ठंडा भोजन ग्रहण किया।
15 वर्षों बाद जवाई बांध में हुआ भव्य गैर नृत्य
जवाई बांध स्थित बालाजी मंदिर प्रांगण में भी गेर नृत्य कार्यक्रम आयोजित किया गया। मंदिर समिति अध्यक्ष बृजमोहन मेवाड़ा ने बताया कि 15 वर्षों के अंतराल के बाद इस परंपरा को पुनः प्रारंभ किया गया है। सुप्रसिद्ध सेवाड़ी गैर ने भव्य नृत्य प्रदर्शन कर श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। कार्यक्रम के दौरान बालाजी को प्रसाद अर्पित कर प्रसादी वितरण किया गया। आयोजन को सफल बनाने में सुरेश सिंह जोधा, श्रवण कुमार अग्रवाल, विष्णु अग्रवाल, रूपनारायण शर्मा, प्रभुराम मीणा, फिरोज खान कायमखानी, देवीसिंह परमार, देवाराम मीणा एवं समस्त ग्रामवासियों का विशेष योगदान रहा।