सुमेरपुर । राजस्थान पेंशनर समाज उपशाखा सुमेरपुर की ओर से केंद्र सरकार द्वारा लाए गए पेंशन नियम संशोधन विधेयक 2025 के खिलाफ बुधवार को जोरदार विरोध दर्ज करवाया गया। समाज ने इसे पेंशनभोगियों के साथ अन्याय करार देते हुए प्रधानमंत्री एवं वित्त मंत्री के नाम ज्ञापन उपखंड अधिकारी कालूराम कुम्हार को सौंपा।
कार्यक्रम की अध्यक्षता पेंशनर समाज के अध्यक्ष बाबूलाल सुथार ने की, जबकि उनके साथ संरक्षक भेरू सिंह नोवी, मंत्री जसराम चौधरी, रूपचंद, कपूरचंद गर्ग, बलवंत सिंह, गणेशाराम, मांगीलाल गर्ग, फुलाराम, घीसूलाल सहित कई वरिष्ठ सदस्य उपस्थित रहे।
ज्ञापन में उठाए गए मुख्य मुद्दे:
पेंशन में भेदभाव का खतरा:
अध्यक्ष बाबूलाल सुथार ने जानकारी देते हुए बताया कि केंद्र सरकार ने 2025 के वित्त विधेयक में सिविल सेवा पेंशन नियमों में एक नया अध्याय जोड़ा है, जिसके तहत सरकार को यह अधिकार मिल जाएगा कि वह पेंशनरों के साथ उनकी सेवानिवृत्ति की तारीख या वेतन आयोग की सिफारिशों के आधार पर अलग-अलग व्यवहार कर सके।
संवैधानिक और कानूनी आपत्तियाँ:
ज्ञापन में कहा गया है कि यह संशोधन भारतीय संविधान के अनुच्छेद 14 (समानता का अधिकार) का स्पष्ट उल्लंघन है। साथ ही यह सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक डीएस नकारा बनाम भारत सरकार (17 दिसंबर 1982) फैसले के भी खिलाफ है, जिसमें यह स्पष्ट किया गया था कि सेवानिवृत्त कर्मचारियों को पेंशन के अधिकार में कोई भेदभाव नहीं किया जा सकता।
पिछले वेतन आयोगों में समानता का उल्लेख:
पेंशनर समाज ने यह भी कहा कि 7वें वेतन आयोग (1 जनवरी 2016) में सभी पेंशनर्स को समानता का अधिकार दिया गया था, लेकिन नए विधेयक से यह व्यवस्था समाप्त हो जाएगी। यही स्थिति आगामी 8वें वेतन आयोग (1 जनवरी 2026) के बाद भी बन सकती है, जिससे पेंशनर्स को नुकसान होगा।
50 वर्षों से चली आ रही परंपरा को खतरा:
ज्ञापन में यह भी बताया गया कि 1972 से अब तक देश के करोड़ों पेंशनर्स को एक समान नियमों के तहत पेंशन मिलती रही है, लेकिन यह विधेयक उस दीर्घकालीन नीति को बदलकर भेदभाव पूर्ण व्यवस्था लागू करने की कोशिश है।
पेंशन समाज की मांग:
पेंशनर समाज ने केंद्र सरकार से इस विधेयक को तुरंत वापस लेने, इस पर पुनर्विचार करने, और पेंशनभोगियों के हितों की रक्षा करने की मांग की है। उनका कहना है कि इस तरह के बदलाव से पेंशनर्स के मनोबल पर नकारात्मक असर पड़ेगा और भविष्य में सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारियों की सुरक्षा भी प्रभावित होगी।